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दुष्कर्म में दोहरा आजीवन कारावास

’’ दुष्कर्म में दोहरा आजीवन कारावास ’’       भारतीय समाज में महिलाओं के साथ घटित हो रहे अपराधों पर लगाम लगाने हेतु भारत सरकार ए...

’’दुष्कर्म में दोहरा आजीवन कारावास’’

      भारतीय समाज में महिलाओं के साथ घटित हो रहे अपराधों पर लगाम लगाने हेतु भारत सरकार एवं राज्य सरकार की ओर से सतत रूप से प्रयास किये जा रहे हैं। अब यह प्रयास सार्थक होते दिखाई देने लगे हैं। अब यदि किसी अभियुक्त ने किसी महिला अथवा लड़की के साथ कोई भी लैंगिक अपराध घटित किया है तो वह कितने भी बचने के प्रयास कर ले उसे सजा होना लगभग तय हो गया है। 

इसी तरह का एक मामला विगत दिनों प्रकाश में आया जिसमें जानकारी देते हुए जिला अभियोजन अधिकारी श्री आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 20.10.2020 को फरियादी ने अपनी लड़की की गुमने की रिपोर्ट की और अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर भगा ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई। दिनांक 20.10.2020 को ही आवास कॉलोनी जीरापुर में रहने वाले आरोपी आसिफ (परिवर्तित नाम) के कब्जे से दस्तयाब किया गया। दस्तयाबी उपरांत पीडित बालिका ने कथन किया कि आरोपी द्वारा उसके साथ बलात्संग का अपराध घटित किया गया है। तद्उपरांत पीडिता का मेडीकल परीक्षण कराया गया और कथन लेख किये, जिससे प्रकरण में धारा 366, 376(2)एन, 450 भादवि 5/6 पॉक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। प्रकरण में सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विचारण हेतु न्यायालय में पेश किया गया। 

     इस प्रकरण के विचारण उपरांत जिला न्यायालय में पदस्थ माननीय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट डॉ. अंजली पारे ने अपने सत्र प्रकरण क्रमांक 440/20 धारा 376 (2)(एन) , धारा 5जे (2) ’’ऐसा बलात्कार जिसके फलस्वरूप पीडित बालिका गर्भवती हो जाये।’’ तथा धारा 5 एल/6 में  ’’नाबालिग अभियोक्त्री के साथ बार बार बलात्संग का अपराध घटित करना’’ में अन्य समयों पर किये गये बलात्कार के लिये दोषी पाते हुए क्रमशः आजीवन कारावास और 20 वर्ष के सश्रम कारावास से आरोपी को दण्डित किया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री आलोक श्रीवास्तव जिला अभियोजन अधिकारी ने की। 

दोहरे दण्ड से नहीं मिला संरक्षण:- 

पॉक्सो न्यायालय की विदुषी एवं घटना के प्रति संवेदनशील महिला अधिकारी ने अपने साक्ष्य विशलेषण में यह पाया कि आरोपी के द्वारा पीडित बालिका के साथ बार-बार बलात्संग का अपराध घटित किया गया। और उनमें से एक बार किये गये बलात्कार के फलस्वरूप अभियोक्त्री गर्भवती हुई थी, इस कारण माननीय न्यायालय के द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)एन तथा पॉक्सों एक्ट की धारा 5जे (2) ’’ऐसा बलात्कार जिसके फलस्वरूप पीडित बालिका गर्भवती हो जाये।’’ तथा  भारतीय दंड संहिता की धारा 376 धारा 5 एल/6 में  ’’नाबालिग अभियोक्त्री के साथ बार बार बलात्संग का अपराध घटित करना’’ में अन्य समयों पर किये गये बलात्कार के लिये दोषी पाते हुए क्रमशः आजीवन कारावास और 20 वर्ष के सश्रम कारावास से आरोपी को दण्डित किया है। 

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