प्रसूता के चौथी बार का जटिल प्रसव की प्रगति हॉस्पिटल सफल सर्जरी "पहले तीन डिलेवरी भी ऑपरेशन से हुई थी" ब्यावरा के प्...
प्रसूता के चौथी बार का जटिल प्रसव की प्रगति हॉस्पिटल सफल सर्जरी
"पहले तीन डिलेवरी भी ऑपरेशन से हुई थी"
ब्यावरा के प्रगति हॉस्पिटल में एक प्रसूता को डिलिवरी के लिए लाया गया था , इस महिला के पहले तीन बच्चे थे और तीनो ही ऑपरेशन से हुए थे,अमूमन जिले में ऐसे मामलो में तीसरे बच्चे के केस ही जिले बाहर राजधानी या किसी हायर सेंटर पर रेफर किए जाते हैं लेकिन प्रगति हॉस्पिटल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डा.गीतिका मरावी ने इस जटिल प्रसव को यही करने का निर्णय लेते हुए अपनी टीम के साथ शुक्रवार को प्रसूता की सिजेरियन सर्जरी करते हुए ग्रामीण अंचल से आई इस दलित प्रसूता की गोद में स्वस्थ शिशु के रूप में खुशियां भर दी ,जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ है।
खजुरिया गांव की इस प्रसूता की पहले से तीन सीजेरियन डिलीवरी हो चुकी थी। जिसका आज प्रगति हॉस्पिटल में चौथा सिजेरियन ऑपरेशन किया गया ऐसे केस में जिले से रेफर होने के बाद फिर ऑपरेशन हायर सेंटर में ही होता है ।
*जोखिम भरे होते है ऐसे मामले -डा.मरावी*
खजुरिया निवासी प्रसूता दुर्गा वर्मा को शुक्रवार को डिलेवरी के लिए लाया गया था इनके पहले बच्चे ऑपरेशन से ही हुए हे जिनमे एक बच्चा दिव्यंगता से ग्रसित हे दुर्गा को शरीस में रक्त की भी कमी थी इस जटिल सर्जरी में हमने मरीज को दो यूनिट ब्लड भी लगाना पड़ा जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं ,लेकिन ऐसे में यह जानना भी जरूरी हे कि -
अधिक सी-सेक्शन के दुष्परिणाम भी मरीजों को झेलने पड़ते है डा. गीतिका मरावी ने बताती हैं की हर बार जब सी-सेक्शन होता है तो पेट पर निशान छूटता है। सी-सेक्शन से पेट की त्वचा घनी हो जाती है क्योंकि नए टिश्यू बनते हैं। इस तरह उस जगह की स्किन फिर से एक बड़ा कट झेलने लायक नहीं बचती। इससे हम डॉक्टर बड़ी मुश्किल से इस प्रक्रिया को पूरा कर पाते हैं और खतरा भी बढ़ जाता है।
मूत्राशय में चोट की समस्या भी इस तरीके से हो सकती है। पहली या दूसरी बार के सी-सेक्शन से अमूमन इस तरह की समस्या नहीं होती लेकिन बार बार सी-सेक्शन कराने से यह मुश्किल आ सकती है। शरीर के अंदर जो कट लगता है उससे यूटेरस ब्लैडर से कनेक्ट हो सकता है और चोट लग सकती है।
- डा.गीतिका मरावी स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रगति हॉस्पिटल ब्यावरा
कोई टिप्पणी नहीं