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केव्हायसी अपडेट कराने के नाम पर फ्रॉड –गिरोह का प्रमुख सदस्य राज्य सायबर सेल, इन्दौर की गिरफ्त में

केव्हायसी अपडेट कराने के नाम पर धोखाधडी  केव्हायसी अपडेट कराने के नाम पर धोखाधडी पूर्वक लेडी प्रोफेसर फरियादियां से ओटीपी प्राप्...

केव्हायसी अपडेट कराने के नाम पर धोखाधडी 
केव्हायसी अपडेट कराने के नाम पर धोखाधडी पूर्वक लेडी प्रोफेसर फरियादियां से ओटीपी प्राप्त कर फरियादियां का नेट बैंकिंग का लॉग इन आइडी पासवर्ड क्रियेट कर फरियादियां के बैंक खातो में पूर्व से रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर बदल कर आवेदिका की जमा एफडी पर ऑनलाइन लोन राषि प्राप्त कर उसको आवेदिका के दोनों बैंक खातों में ट्रांसफर कर और उन बैंक खातों में पूर्व से जमा धनराषि एवं लोन राषि को ऑनलाइन ट्रांसफर करने वाले झारखण्ड के गिरोह का प्रमुख सदस्य राज्य सायबर सेल, इन्दौर की गिरफ्त मंे।
1. बी0ए0 पास है, आरोपी।
2. 08 हजार रूपये में फर्जी बैंक खाते खरीदता था, आरोपी।
3. 02 हजार रूपये की एक फर्जी सीम खरीदी थी, आरोपी ने। 
4. राज्य सायबर सेल भोपाल के अपराध में भी संलिप्त है, आरोपी।
5. केव्हायसी अपडेट करने के नाम पर फरियादियां से ओटीपी पूछकर क्रियेट कर लिया था, फरियादियां के बैंक खाते का इन्टरनेट बैंकिंग व लॉग इन आइडी पासवर्ड। 
6. पुनः फरियादियां से ओटीपी पूछकर योनो अप्पलीकेषन पर फरियादी के बैंक खाते का यूजर आइडी व पासवर्ड कर लिया था, रजिस्टर्ड। 
7. इन्टरनेट बैंकिंग में जाकर अपग्रेडिंग एक्सेस लेवल ऑप्षन का उपयोग कर किया था, ऑनलाइन रूपयों का ट्रांसफर।
8. इन्टरनेट बैंकिंग में फॉरगेट प्रोफाइल पासवर्ड ऑप्षन का उपयोग कर फरियादिया के दोनों बैंक खातों में रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों को चेंज कर फर्जी मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड किये थे, आरोपियों ने। 
9. फरियादियां के दो बैंक खातों में उपलब्ध राषि को कर लिया था, अन्य फर्जी बैंक खातों एवं फर्जी पेटीएम वॉलेटों में ट्रांसफर।
10. फरियादियां के तिसरे अन्य बैंक खातें में जमा एफडी पर ले लिया था, ऑनलाइन जमा एफडी पर लोन।
11. उस लोन राषि को फरियादियां के दो बैंक खातों में कर लिया था, ऑनलाइन ट्रांसफर।
12. उस लोन राषि को भी अन्य फर्जी बैंक खातों एवं फर्जी पेटीएम वॉलेटों में कर लिया था, ऑनलाइन ट्रांसफर।
13. फरियादियां के बैंक खातों से लगभग 33 लाख 42 हजार रूपये किये थे, ऑनलाइन ट्रांसफर।
14. आरोपी से अपराध में प्रयुक्त चार सीम, दो मोबाइल एवं तीन लाख पचास हजार रूपये नगद जप्त किये गये। 
अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक राज्य सायबर पुलिस द्वारा आर्थिक अपराधों में तकनीक के दुरूपयोग के तत्काल निकाल करने के संबंध में हाल ही दिये गये निर्देषों के पालन में की गई कार्यवाही में राज्य सायबर सेल इन्दौर पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह के द्वारा बताया गया कि दिनांक 17/07/2021 को फरियादियां जो कि शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय इन्दौर में प्राध्यापिका है, को केव्हायसी अपडेट करने के नाम पर धोखाधडी पूर्वक ओटीपी प्राप्त कर फरियादियां का नेट बैंकिंग का लॉग इन आइडी पासवर्ड क्रियेट कर आवेदिका के दोनों बैंक खातों के पूर्व से रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर चेंज कर आवेदिका की जमा एफडी पर ऑनलाइन लोन राषि प्राप्त कर उसे आवेदिका के दोनों बैंक खातों में ट्रांसफर कर और आवेदिका के दोनों बैंक खाते में पूर्व से जमा धनराषि और लोन राषि को धोखाधडी पूर्वक विभिन्न पेटीएम वॉलेटों और विभिन्न बैंक खातों में लगभग 3342000/-रूपये धोखाधडी पूर्वक ऑनलाइन ट्रांसफर किये गये। षिकायत की जॉच पर से अपराध क्रमांक 129/2021 धारा 419, 420, 467, 468, 471 भादवि एवं 66सी, 66डी आइटी एक्ट का अपराध पंजीबध्द किया गया। 
       दौराने विवेचना प्राप्त संदिग्ध मोबाइल नम्बरो का तकनीकी विष्लेषण करने के बाद आये नाम पतों की तस्दीक एवं पतारसी हेतु एक टीम गठित कर जिसमें निरीक्षक राषिद अहमद, सउनि रामप्रकाष बाजपेई, प्र0आर0 विजय बडोदकर एवं आर0 गजेन्द्र सिंह को धनबाद झारखण्ड रवाना किया गया। प्राप्त जानकारी के आधार पर टीम द्वारा हरीष दास की पतारसी करते पता चला कि आरोपी अपनी बहन की गोद भराई रष्म में ग्राम मानपुर जिला बोकारो गया हुआ है। टीम द्वारा ग्राम मानपुर के आने जाने वाले रास्ते पर सतत् निगरानी रखते हुए प्राप्त जानकारी के आधार पर आये हुए फोटो के चेहरे का व्यक्ति आता हुआ दिखायी दिया जिससे पूछताछ करते उसने अपना नाम हरीष दास पिता बिरजू दास निवासी- ग्राम सिंगदाहा थाना-तोपचांची जिला धनबाद झारखण्ड बताया गया। हरीष दास को पूछताछ हेतु उसके लोकल थाना तोपचांची ले जाकर टीम द्वारा पूछताछ करने पर उसके द्वारा सायबर फ्रॉड का काम करने का बताने पर थाना तोपचांची को लिखित सूचना देकर राज्य सायबर सेल कार्यालय इन्दौर लाया गया। जिससे सख्ती से पूछताछ करने पर हरीष दास द्वारा सायबर फ्रॉड का काम करने के लिये फर्जी बैंक खाते व पेटीएम वॉलेटों को अन्य व्यक्ति से खरीदना बताया एवं उन फर्जी बैंक खातों एवं फर्जी पेटीएम वॉलेटों में अन्य आरोपियों के द्वारा किये गये ऑनलाइन ट्रांजेक्षन को विड्रोल कर अपना कमीषन काट कर अन्य आरोपियों को नगद रूपये देना बताया गया। 

आरोपी हरीष दास द्वारा बताया गया तरीका वारदात-
 वह और उसके अन्य साथी आरोपी गण द्वारा मिलकर बीएसएनएल कम्पनी के मोबाइल नम्बरों की एक सीरीज को उठाकर लोगों को एक साथ फर्जी मोबाइल नम्बरों से एसबीआई बैंक खाते का केव्हायसी अपडेट करने के लिये बल्क मैसेज कर देते है। जिसमें लिखा होता है कि केव्हायसी अपडेट न होने के कारण आपका बैंक खाता बंद कर दिया जायेगा। केव्हायसी अपडेट कराने के लिये नीचे दिये गये मोबाइल नम्बरों पर सम्पर्क करें। मैसेज पढने के बाद कुछ लोग उस दिये गये मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क करते है। जिसमें कॉलर द्वारा उनको बैंक खाते की केव्हायसी अपडेट करने के लिये आधार कार्ड, पेन कार्ड की डिटेल्स मांगी जाती है। उसके बाद वह लोग उनको अपनी बातांे में उल्झाकर उनसे उनके बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर आये हुए ओटीपी को पूछकर इन्टरनेट बैंकिंग का लॉग इन आइडी पासवर्ड क्रियेट कर लेते है। अगर बैंक खाते में राषि कम होती है, तो इन्टरनेट बैंकिंग के माध्यम से फरियादियों से बार-बार ओटीपी पूछकर अन्य बैंक खाते व वॉलेटों में रूपया ट्रांसफर कर देते है। अगर फरियादियों के बैंक खाते में राषि अधिक होती है, तो वह फरियादी से इन्टरनेट बैंकिंग का लॉग इन आइडी का पासवर्ड क्रियेट करने या बदलने के लिये फरियादी के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर आये हुए ओटीपी पूछकर स्वयं के मोबाइल पर फरियादी के बैंक खाते का इन्टरनेट बैंकिंग लॉग इन कर लेते है। उसके बाद फरियादी के बैंक खाते का ओटीपी प्राप्त कर योनो अप्पलीकेषन के माध्यम से लॉग इन कर लेते है। जिससे उनको फरियादी के एसबीआई बैंक के सारे खातों की जानकारी प्राप्त हो जाती है। उसके बाद वापस फरियादी से ओटीपी प्राप्त कर फरियादी का रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर चेंज कर उनके पास उपलब्ध खरीदा गया फर्जी मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड कर देते है। जिससे फरियादी को उसके बैंक खाते से होने वाले ऑनलाइन ट्रांजेक्षन्स के ओटीपी और रूपये कटने का मैसेज प्राप्त नही हो पाता है। योनो अप्पलीकेषन के माध्यम से अगर फरियादी द्वारा कोई एफडी की गई है, तो उसकी भी जानकारी उनको लग जाती है, और वह उसी समय फरियादी की जमा एफडी पर ऑनलाइन लोन लेकर उसको फरियादी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर लेते है, एवं बाद में फरियादी के बैंक खाते से अपने फर्जी बैंक खातों एवं फर्जी पेटीएम वॉलेटों में ऑनलाइन रूपयंा ट्रांसफर कर उसका विड्रोल कर अपने-अपने कमीषन के मुताबिक रूपयों का बटवारा कर लेते है।   

उक्त प्रकरण की विवेचना में निरीक्षक राषिद अहमद, सउनि रामप्रकाष बाजपेई, प्र0आर0 विजय बडोदकर, आर0 गजेन्द्र सिंह एवं रमेष भिडे की सराहनीय भूमिका रही।
आरोपी का नाम पता- हरीष कुमार दास पिता श्री बिरजू दास उम्र- 26 साल
निवासी-ग्राम पोस्ट सिंगदाहा थाना तोपचांचाी जिला धनबाद झारखण्ड

सावधानियॉः-
1. मोबाइल नम्बरों से केव्हायसी अपडेट करने के नाम पर आये हुए टेक्स मैसेजों पर ध्यान न दें। 
2. बैंक से संबंधित कोई भी जानकारी स्वयं की बैंक शाखा पर जाकर ही प्राप्त करें।
3. मोबाइल नम्बरों पर आये हुए ओटीपी किसी भी अंजान व्यक्ति को शेयर न करें। 
4. अंनजान व्यक्ति के द्वारा किये गये कॉल पर भरोसा न करें, एवं उसको बैंक से संबंधित एवं आधार कार्ड और पेन कार्ड की जानकारी न दें। 
5. गुगल पर दिये गये बैंक से संबंधित कस्टमर केयर मोबाइल नम्बर पर विष्वास न करें। 
6. पासबुक, एटीएम एवं क्रेडिट कार्ड पर छपे कस्टमर केयर नम्बर का उपयोग करें। 
7. टैक्स मैसेज /व्हाट्सएप पर आये मैसेज लिंक पर क्लिक न करें।

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