क्या होती है आचार संहिता? कब और क्यों लागू होते हैं चुनावी नियम; पढ़ें सभी सवालों के जवाब देश के पांच राज्यों- राजस्थान मध्य प्र...
क्या होती है आचार संहिता? कब और क्यों लागू होते हैं चुनावी नियम; पढ़ें सभी सवालों के जवाब
देश के पांच राज्यों- राजस्थान मध्य प्रदेश मिजोरम तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस राज्यों की चुनावी तारिखों का ऐलान करने के लिए चुनाव आयोग आज दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली है। इसके बाद से ही पांचों चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी जिसका पालन करना सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य होगा।
देश के पांच राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने के पूरे आसार है। इन चुनावी राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। दरअसल, आज दोपहर 12 बजे चुनाव आयोग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी, जिसमें वह इन राज्यों के चुनावी तारीखों की घोषणा करेगी
बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि आखिर चुनाव आचार संहिता क्या है।
इस खबर में हम आपको बताएंगे कि चुनावी आचार संहिता को कब और क्यों लागू किया जाता है। साथ ही बताएंगे कि आचार संहिता लागू होने के बाद पार्टियों को किन बातों का खास ख्याल रखना होता है और इसका उल्लंघन करने वालों को क्या खामियाजा भुगतना पड़ता है।
क्या है आदर्श आचार संहिता?
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कुछ नियम बनाए जाते हैं। इन नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान सभी पार्टियों, नेताओं और सरकारों को इन नियमों का खासतौर पर पालन करना होता है
कब लागू होती है आचार संहिता?
आदर्श आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद से ही लागू हो जाती है और जब तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक रहती है।
विभिन्न चुनावों में किन क्षेत्रों में लागू होती है आचार संहिता?
लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता पूरे देश में लागू हो जाती है। विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य स्तर पर आचार संहिता का पालन करना होता है और उपचुनाव के कोड केवल संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के क्षेत्र में लागू होगा।
आदर्श आचार संहिता की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
आदर्श आचार संहिता की मुख्य तौर पर यह बताया गया है कि चुनाव की प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों, उम्मीदवार और सत्ता में रहने वाले दलों को चुनाव प्रचार, बैठकें और जुलूस आयोजित करने, मतदान दिवस की गतिविधियों और कामकाज के दौरान अपना आचरण कैसा रखना है।
चुनाव प्रचार करते समय राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों के लिए मुख्य दिशानिर्देश क्या हैं?
चुनाव प्रचार के दौरान, कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषाई के बीच तनाव पैदा कर सकता है। असत्यापित आरोपों या विरूपण के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।
क्या चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों का उपयोग करने पर कोई प्रतिबंध है?
चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थानों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य पूजा स्थलों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए मंच के तौर पर नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जा सकती है।
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