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सायबर ठगी की राशि वापस कराने में मिली सफलता

दो अलग-अलग प्रकरणों में राज्य सायबर पुलिस इंदौर की त्वरित कार्यवाही से सायबर ठगी की अंश राशि वापस कराने में मिली सफलता (1) प्रति...


दो अलग-अलग प्रकरणों में राज्य सायबर पुलिस इंदौर की त्वरित कार्यवाही से सायबर ठगी की अंश राशि वापस कराने में मिली सफलता


(1) प्रतिष्ठित डॉक्टर को विदेश में नौकरी का झांसा देकर ठगी गई फ्राड की राशि 2,70,000/- रुपये वापस कराने में मिली सफलता 
(2) गृहिणी को बिजली बिल जमा कराने का झांसा देकर ठगी गई फ्राड की राशि 2,00,000/- रुपये वापस कराने में मिली सफलता 

• प्रतिष्ठित डॉक्टर को दुबई के प्रसिध्द मेडिकल इंस्टिट्यूट में आकर्षक पैकेज पर जॉब दिलाने का झांसा देकर ठगे गए थे रुपए,
• डॉक्टर व्दारा आनलाईन पोर्टल पर जॉब हेतु प्रेषित की गई जानकारी के आधार पर फ्राडस्टर व्दारा किया गया था संपर्क,
• डॉक्टर से डाक्युमेंट वेरिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन, वीसा इत्यादि अलग-अलग चार्जेस के नाम पर ठगे गए थे रुपए,
• गृहिणी से बिजली बिल जमा कराने के लिए प्राप्त हुआ था फर्जी मैसेज
• विद्युत विभाग अधिकारी का फर्जी मोबाईल नंबर भेजकर संपर्क करने के लिये भेजा था मैसेज.
• विद्युत विभाग के अधिकारी के फर्जी नंबर पर संपर्क करते आवेदिका से एनीडेस्क एप डाउनलोड कराकर बैंक संबंधी जानकारी प्राप्त कर दिया धोखाधड़ी को अंजाम, 
• बैंक संबंधी जानकारी शेयर करते ही गृहिणी के बैंक खाते से राशि का हुआ ट्रांजेक्शन,
• दोनों प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही से फ्राड की राशि आवेदकों को वापस कराने में मिली सफलता,


    श्री योगेश देशमुख, श्रीमान् अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महोदय, राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल व्दारा सायबर फायनेंसियल फ्राड के रोकथाम पर प्रभावी कार्यवाही कर निराकरण के हाल ही मे निर्देश दिये गये। उक्त निर्देशो के पालन में की गई कार्यवाही में राज्य सायबर सेल इंदौर, पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह के व्दारा बताया गया कि दिनांक 19/10/2022 को शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर ने राज्य सायबर जोन कार्यालय पर उपस्थित होकर शिकायत की कि उनके व्दारा आनलाईन पोर्टल पर विदेश में जाब हेतु जानकारी प्रेषित की गई थी, इसी आधार पर फ्राडस्टर व्दारा ई-मेल के माध्यम से संपर्क कर दुबई के प्रसिध्द मेडिकल इंस्टिट्यूट में आकर्षक पैकेज पर जॉब दिलाने का झांसा डाक्युमेंट वेरिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन, वीसा इत्यादि अलग-अलग चार्जेस के नाम पर रुपए विभिन्न पेमेंट गेटवे के माध्यम से जमा करा लिए गए। 
    बैंक को त्वरित पत्राचार व दुरभाष से संपर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की गई, साथ ही स्थानांतरित राशि के संबंध में नोडल अधिकारी से सीधे संपर्क कर त्वरित कार्यवाही की गई जिसके फलस्वरुप आवेदक को फ्राड की राशि 2,70,000/- रुपए वापस कराने में सफलता प्राप्त हुई। 
  
   
   इसी क्रम में दिनांक 31/12/2022 को इंदौर निवासी गृहिणी व्दारा शिकायत की गई कि उनके मोबाईल नंबर पर बिजली बिल जमा करने हेतु टेक्स्ट मैसेज प्राप्त हुए, मैसेज में दिये गये विद्युत अधिकारी के फर्जी नंबर को सही समझकर आवेदिका व्दारा संपर्क किया गया, जिसके व्दारा स्वयं को विद्युत विभाग का अधिकारी बताकर एनीडेस्क एप डाउनलोड कराकर बैंक संबंधी जानकारी ली गई। इसी आधार पर फ्राडस्टर व्दारा धोखाधड़ी पूर्वक आवेदिका के बैंक खाते से राशि का ट्रांजेक्शन कर लिया। आवेदिका को भारतीय स्टेट बैंक से उक्त ट्रांजेक्शन होने के संबंध में मैसेज प्राप्त होने पर जालसाजी का पता चला।
   उक्त अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलते ही आवेदिका गृहिणी ने राज्य सायबर जोन कार्यालय इंदौर में उपस्थित होकर अपने साथ हुए फायनेंसियल फ्राड की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत को गंभीरता से देखते त्वरित कार्यवाही कर प्राप्त बैंक स्टेटमेंट, मोबाईल पर प्राप्त मैसेज का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी संकलित की गई। संकलित जानकारी के आधार पर फ्राडस्टर द्वारा फ्राड की राशि अमेजन पर खरीदारी के लिए स्थानांतरित कर लेना पाया गया।
        बैंक को त्वरित पत्राचार व दुरभाष से संपर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की गई, साथ ही स्थानांतरित राशि के संबंध में नोडल अधिकारी से सीधे संपर्क कर त्वरित कार्यवाही की गई जिसके फलस्वरुप आवेदिका को फ्राड की राशि 2,00,000/- रुपए वापस कराने में सफलता प्राप्त हुई। दोनों शिकायतों में अग्रिम वैधानिक कार्यवाही जारी है।

   उक्त कार्यवाही में निरीक्षक रामसुमेर तिवारी, उप निरीक्षक मनीषा पाठोदे, सउनि धीरजसिंह गौर तथा आरक्षक 968 विक्रांत तिवारी की सराहनीय भूमिका रही।

Advisory – 
 फायनेंसियल फ्राड की जानकारी मिलते ही त्वरित रुप से शिकायत करें,
 कभी किसी संदिग्ध मैसेज पर विश्वास कर KYC अपडेट, आधार, पैनकार्ड लिंक करने वाले मैसेज पर विश्वास ना करें,
 विद्युत विभाग से बिजली बिल जमा करने के संबंध में कोई भी मैसेज प्राप्त होने पर कार्यालय जाकर ही जानकारी प्राप्त करें,
 रिमोट एप जैसे टीम व्युवर, एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट आदि किसी के कहने पर इंस्टाल ना करें,
 फोन पर बताए गए किसी खाते, मोबाईल नंबर या एप पर पेमेंट ना करें नजदीकी विद्युत वितरण कार्यालय में जाकर तस्दीक कर लें कि उनका ऑफिशियल एप कौन सा है, उसी एप के माध्यम से बिजली के बकाया बिल का भूगतान करें।
 फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति व्दारा दिये गए निर्देशों का पालन कतई नही करें. गूगल से प्राप्त कस्टमर केयर/ हेल्प लाईन नंबर पर विश्वास ना करें।
 क्यूआर कोड स्केन करने पर बैंक खाते से रुपये निकलते है,
 अपनी कोई भी फायनेंसियल जानकारी अथवा व्यक्तिगत जानकारी सोशल मिडिया पर शेयर नही करें।
 सायबर संबंधी अपराध की शिकायत सायबर ऑनलाईन पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर तथा हेल्पलाईन नंबर 1930 पर भी की जा सकती है।

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