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साइबर पुलिस उज्जन की त्वरित कार्यवाही से साइबर ठगी की शिकार सेवानिवृत्त इंजीनियर को वापस मिले 3 लाख 60 हजार रुपये ।

राज्य साइबर पुलिस उज्जन की त्वरित कार्यवाही से साइबर ठगी की शिकार सेवानिवृत्त इंजीनियर को वापस मिले 3 लाख 60 हजार रुपये  बैंक के...

राज्य साइबर पुलिस उज्जन की त्वरित कार्यवाही से साइबर ठगी की शिकार सेवानिवृत्त इंजीनियर को वापस मिले 3 लाख 60 हजार रुपये 


बैंक के . वाई. सी एक्सपायर होने के नाम पर प्राप्त हुआ था एसएमएस । 

> एस . एम . एस . में दी गई फर्जी पेज की लिंक 
> लिंक पर क्लिक करने पर भारतीय स्टेट बैंक के फर्जी पेज पर दर्ज की अपनी निजी जानकारी ।
 > कुल 4 लाख 29 हजार रुपये की हुई थी ठगी 
> त्वरित कार्यवाही 
 - फरियादिया को मिले 3 लाख 60 हजार रुपये वापस

 अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक , राज्य साइबर सेल , साइबर अपराध त्वरीत निराकरण के निर्देश दिये गये थे । इसी परीप्रेक्ष्य में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस जोन- उज्जैन जितेन्द्र सिंह ने बताया कि महानन्दा नगर निवासी सेवानिवृत्त इंजीनियर सुश्री शोमा खन्ना को दिनांक 10.01.2022 को एक मेसेज प्राप्त हुआ , जिसमें भारतीय स्टेट बैंक का खाता खाता ब्लाक कर दिया गया है , खाता चालू करवाने के लिए मेसेज में दि गई लिंक पर क्लिक कर के वाय सी पूर्ण करने का लिखा था प्राप्त हुए मेसेज को सही समझकर सुश्री खन्ना द्वारा मेसेज की लिंक पर क्लिक किया गया , जिस पर भारतीय स्टेट बैंक से मिलता जुलता एक फर्जी पेज खुला , जिसमें इंटरनेट बैंकिंग की लाग इन आई.डी. व पासवर्ड दर्ज करना था , इसके बाद अपना बैंक खाता नम्बर व रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर दर्ज करने के पश्चत अगले पेज पर ओटीपी दर्ज करना था , सुश्री खन्ना द्वारा फर्जी पेज पर लगातार तीन बार ओटीपी दर्ज किये गये इसके कुछ देर बाद ही सुश्री खन्ना को भारतीय स्टेट बैंक के कस्टमर केयर के फोन आया व अवैध ट्राजेक्शन के संबंध में जानकारी दी . इसके बाद उन्होंने अपनी बैंक की शाखा में जाकर पता किया तो उनके बैंक खाते से 4 लाख 29 हजार रुपये निकल चुके थे । जिसके संबंध में सुश्री शोभा खन्ना द्वारा राज्य साइबर पुलिस , उज्जैन कार्यालय उपस्थित होकर निरीक्षक रीमा यादव कुरील को शिकायत दर्ज करवाई थी । शिकायत की गंभीरता को देखते तत्काल कार्यवाही हेतु स.उ.नि. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर एवं प्र.आर कमलाकर उपाध्याय को जाँच करने एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया ।

 स.उ.नि. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर एवं प्रभार कमलाकर उपाध्याय द्वारा फरियादिया के बैंक स्टेटमेंट एवं मोबाइल पर प्राप्त मेसेज का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन जिन पेमेंट गेटवे के माध्यम से हुए थे संबंधित कम्पनियों को पत्राचार कर दूरभाष पर सम्पर्क कर अवैध ट्रांजैक्शन रोकने एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की । जिसके फलस्वरूप कुल 3 लाख 50 हजार रुपये फरियादिया को दिनांक 12.01 . 2022 को उनके बैंक खाते में प्राप्त हो गये । अपनी मेहनत की पूनः प्राप्त होने पर सुश्री खन्ना द्वारा साइबर जोनल कार्यालय उपस्थित होकर समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया । 

Advisery

 • कभी किसी मेसेज पर विश्वास नहीं करें । बैंक के संबंध में कोई भी मेसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर ही जानकारी प्राप्त करे ।

 > रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर एनीडेस्क विवक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नहीं करे फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का पालन कतई नही करे । 

> क्यु आर कोड स्कैन करने पर बैंक खाते से रुपये निकलते है । अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मिडिया पर शेयर नही करे ।

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