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अंत्योदय समिति बनाने की घोषणा के साथ ही मुखर हुए विरोध के स्वर

अंत्योदय समिति बनाने की घोषणा के साथ ही मुखर हुए विरोध के स्वर भीमसेना प्रदेश महासचिव ने उठाए सरकार की मंशा पर सवाल  राजगढ़। भारत...

अंत्योदय समिति बनाने की घोषणा के साथ ही मुखर हुए विरोध के स्वर भीमसेना प्रदेश महासचिव ने उठाए सरकार की मंशा पर सवाल 

राजगढ़। भारतीय जनता पार्टी आदिवासी विरोधी है और आरक्षण विरोधी है एक बार यह फिर साबित हो गया है मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य स्त्री जिला स्तरीय जनपद स्तरीय नगर स्त्री और पंचायत स्तर में पंडित दीनदयाल अंत्योदय समिति बनाने का निर्णय लिया है जिसका कार्य होगा समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रहे गड़बड़ियों की रोकथाम कर निगरानी करने की ऐसे मुख्यमंत्री से लेकर के कलेक्टर और एसडीएम तक को इसका अध्यक्ष बनाया गया है समिति के गजट प्रकाशन के तुरंत बाद ही इसके विरोध के स्वर उठने लगे हैं आने वाले समय में मध्य प्रदेश में  पंचायत के चुनाव होने हैं विरोधी पंडित दीनदयाल अंत्योदय समिति को पंचायत चुनाव से जोड़कर देख रही है और शायद इसीलिए अब यह मामला अनुसूचित जाति  और अनुसूचित जनजाति समुदाय के ग्राम पंचायतों में भाजपाइयों के अनावश्यक हस्तक्षेप करने का आरोप सरकार पर लग रहा है भीम सेना के प्रदेश सचिव राजेश गढ़वाल ने उक्त मामले में राज्य सरकार पर अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित आरक्षण को दरकिनार कर समितियों के गठन का आरोप लगाया है उन्होंने अपने ट्वीट में कहा अगर सरकार गजट में निर्धारित आरक्षण का उल्लेख नहीं करती है तो भीम सेना पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी
प्रदेश की पंचायतों में सरकार के अंत्योदय मॉडल अंतर्गत गठित की जाने वाली समितियों पर गठन के पहले ही विरोध के स्वर मुखर होने शुरू हो गए है। जहां पंचायतों का भाजपाई करण करने के आरोप लग रहे हैं, वहीं भीमसेना के प्रदेश महासचिव ने इन समितियों के माध्यम से पंचायतों में आरक्षण के मुताबिक प्रतिनिधित्व पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए गजट में स्पष्ट उल्लेख न होने की बात करते हुए प्रदेश व्यापी आंदोलन की बात कही है। 

गत दिवस मप्र सरकार की अंत्योदय समिति की घोषणा के बाद भीमसेना प्रदेश महासचिव राजेश गढ़वाल ने भेदभाव के आरोप के साथ ही प्रदेश व्यापी आंदोलन की बात कही है। भीम सेना के प्रदेश सचिव राजेश गढ़वाल ने मप्र के राजगढ़ जिले का हवाला देते हुए बताया कि यदि राजगढ़ जिले में हम अनुसूचित जाति और जनजाति के संख्या मुताबिक अनुपात की बात करें तो जिले की 622 पंचायतों में 622 समितियां बनना है। 
ऐसे में जिले में 123 एससी के अध्यक्ष होना चाहिए जिसमें राजगढ़ 18, ब्यावरा 20, नरसिंहगढ़ 29, सारंगपुर 23, खिलचीपुर 14, जीरापुर 19 शामिल है। साथ ही एसटी के कुल 24 अध्यक्ष होना चाहिये जिसमे राजगढ़ 4, ब्यावरा 4, नरसिंहगढ़ 5, सारंगपुर 7, खिलचीपुर 3, जीरापुर 1 शामिल है।
वही विकासखण्ड वार जनसंख्या अनुपात की बात करे तो राजगढ़ में एससी 17, एसटी 3.75, ब्यावरा में एससी-18, एसटी-4 नरसिंहगढ़ में एससी-21.90 एसटी 3.44, सारंगपुर में एससी-22 एसटी 7.19,  खिलचीपुर में एससी 13.90, एसटी 2.50, और जीरापुर में एससी 22 एसटी 0.62 प्रतिशत निवास रत है। इस प्रकार जिले की जनसंख्या के अनुपात से एससी 19.77 और एसटी 3.83 है।
भीमसेना के अनुसार दीनदयाल अंत्योदय समिति में अजा और अजजा के अध्यक्षो की संख्या के लिए आरक्षण के मुताबिक संख्या गजट में स्पष्ट उल्ल्लेख न करना इस वर्ग के प्रतिनिधित्व पर कुठाराघात है।

इनका कहना है 


दीनदयाल अंत्योदय समिति में भले ही संघ भाजपा समर्थित अनुसूचित को संयोजक बनाये किंतु  हमारे वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए या सिर्फ हम वोट बैंक ही हैं??  कम से कम 30 प्रतिशत संयोजक या इन समितियों के अध्यक्ष हो एससी/एसटी के हो, जिसका गजट में स्पष्ट उल्लेख नही किया गया है । उक्त सूची भाजपा पंचायत अध्यक्ष व सदस्यों की सूची ज्यादा नजर आ रही है।

राजेश गढ़वाल, प्रदेश महासचिव भीमसेना मध्यप्रदेश

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